Budget 2023 से पहले समझ लीजिए Income Tax का नया या पुराना टैक्स स्लैब कौन सा बढ़िया है? कन्फ्यूजन दूर हो जाएगी
Budget 2023 Income tax slabs: 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री देश का बजट पेश करेंगी. सुनने में आया है कि इस बार इनकम टैक्स के मोर्चे पर टैक्सपेयर्स को कई राहत देने पर विचार चल रहा है. लेकिन, उससे पहले ये समझना जरूरी है कि टैक्स का नया या पुराना सिस्टम कौन सा आपके लिए बेहतर है.
Budget 2023 Income tax slabs: 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री देश का बजट पेश करेंगी. सुनने में आया है कि इस बार इनकम टैक्स के मोर्चे पर टैक्सपेयर्स को कई राहत देने पर विचार चल रहा है. हालांकि, ये तो उसी दिन पता चलेगा. लेकिन, अगर मौजूदा हालात में देखें तो फिलहाल टैक्स सिस्टम में भी काफी ऑप्शन हैं. वहीं, साल 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन दिया था. नए टैक्स सिस्टम (New tax system) में टैक्सपेयर (Taxpayers) को कुछ अतिरिक्त छूट दी गईं. 1 अप्रैल 2020 से नया टैक्स सिस्टम लागू है. लेकिन, न्यू टैक्स रिजीम को लेकर टैक्सपेयर्स के मन में काफी सवाल हैं. साथ ही सरकार भी इसमें कई बदलाव करने की तैयारी कर रही है.
Taxpayers जरूर समझें ये बातें
न्यू टैक्स रिजीम (New tax regime) ऑप्ट करने से पहले इससे जुड़ी बातें समझना जरूरी है. टैक्स एक्सपर्ट सुनील गर्ग टैक्स ने इस नए स्लैब (Income tax new slab) और इससे मिलने वाले फायदे के बारे में विस्तार से बताया है. न्यू टैक्स सिस्टम में टैक्सपेयर्स किस तरह ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकते हैं, यह उनके स्लैब चुनने पर निर्भर करता है. टैक्स स्लैब को अलग-अलग फायदे के लिए अलग-अलग तरीके से चुना जा सकता है. पहले समझें नए स्लैब में क्या है.
न्यू टैक्स रिजीम में क्या हैं टैक्स स्लैब?
इनकम (रुपए) | टैक्स (प्रतिशत) |
2.5 लाख | 0 |
2.5-5 लाख | 5 |
5.-7.5 लाख | 10 |
7.5-10 लाख | 15 |
10-12.5 लाख | 20 |
12.5-15 लाख | 25 |
15 से ज्यादा | 30 |
पुराने टैक्स सिस्टम में कहां मिलती है टैक्स छूट?
- हाउसिंग लोन का प्रिसिंपल और ब्याज
- PPF और EPF में निवेश
- डिपॉजिट पर होने वाली ब्याज आय (80TTA)
- FD यानी फिक्सड डिपॉजिट
- बच्चों की ट्यूशन फीस
- नौकरी करने वालों का स्टैंडर्ड डिडक्शन (50 हजार रुपये)
- LTA यानी लीव ट्रैवल अलाउंस
- HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस
- मेडिकल और इंश्योरेंस के खर्च
- 80DD दिव्यांगों के इलाज पर टैक्स छूट
- 80U में दिव्यांगों के खर्चें पर टैक्स छूट
- 80E एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
- सेक्शन 16-इंटरटेनमेंट अलाउंस
- 80GG मकान के किराए पर छूट
- 80G-डोनेशन (दान पर छूट)
- 80EEB-इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स छूट
New tax system में कहां मिलती है छूट?
- किराए पर स्टैंडर्ड डिडक्शन.
- खेती से होने वाली आमदनी.
- PPF पर मिलने वाले ब्याज.
- बीमा की मैच्योरिटी की रकम.
- मृत्यु पर बीमा से मिली रकम.
- छंटनी पर मिला मुआवजा.
- रिटायरमेंट पर लीव इनकैशमेंट.
- VRS- वॉलेंट्री रिटायरमेंट.
- सुकन्या समृद्धि खाते पर मिली ब्याज और मैच्योरिटी रकम.
कैसे बदल सकते हैं अपना टैक्स सिस्टम?
खास बात ये है कि टैक्सपेयर्स (Taxpayers) पुराने टैक्स स्लैब (Old tax slab) से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं. हालांकि यह छूट कुछ खास वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए ही है. नौकरीपेशा नए स्लैब में जाकर वापस आ सकते हैं. नौकरीपेशा हर वित्त वर्ष में टैक्स स्लैब (How to switch tax slab) स्विच कर सकते हैं. जिनकी सैलेरी, किराए या अन्य सोर्स से आय है, वे हर बार टैक्स स्लैब बदल सकते हैं. अगर आपकी बिजनेस से इनकम है तो आप सिर्फ एक बार शिफ्ट कर सकते हैं. बिजनेसमैन एक बार स्विच करने पर वापस नहीं आ सकते.
Old Vs New Tax regime: सीनियर सिटीजन को कहां फायदा?
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सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) अगर विशेष छूट ले रहे तो मौजूदा स्लैब सही है. पेंशन इनकम पर 50 हजार की छूट ले रहें हैं तो मौजूदा स्लैब में रहना ही ठीक है. अगर आप मेडिकल इंश्योरेस, मेडिकल खर्च की छूट ले रहे तो शिफ्ट न करें. 80TTB में 50,000 की छूट ली है तो स्विच न करें. आप डॉक्टर, वकील, इंजीनियर या चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं तो नई स्कीम में आ सकते हैं. खास बात ये है कि आप हर साल नई या पुरानी स्कीम के बीच चुन सकते हैं.
मौजूदा छूट का क्या करें?
- नई स्कीम चुनते हैं तो मौजूदा निवेश न रोकें.
- LIC प्रीमियम, PPF आदि जारी रखें.
- नई टैक्स स्कीम में सिर्फ टैक्स रियायत नहीं मिलेगी.
- बीमा जीवन की सुरक्षा के लिए जरूरी.
- बाकी निवेश अन्य लक्ष्यों के लिए आएगा काम.
- हाउसिंग लोन है तो मौजूदा स्कीम कारगर.
- हाउसिंग लोन पर अभी 2 लाख तक की छूट.
- 10 लाख तक की आय में हाउसिंग लोन की छूट लें.
NPS, EPF विड्रॉल पर टैक्स लगेगा?
- न्यू पेंशन स्कीम (New pension scheme) रकम निकासी पर कोई टैक्स नहीं.
- NPS रकम निकासी पर टैक्स नियम में कोई बदलाव नहीं.
- EPF निकासी पर भी पुराने ही टैक्स नियम.
- NPS, EPF निवेश पर नए टैक्स सिस्टम में रियायत नहीं.
10:14 AM IST